निर्मला सीतारमण ने बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना का ऐलान किया, मोदी सरकार के बजट में क्या-क्या मिला

नई दिल्ली
नरेंद्र मोदी सरकार के आम बजट में बिहार पर खास जोर दिया गया है। इसी साल राज्य में चुनाव होने वाले हैं और भाजपा का यहां जेडीयू के साथ गठबंधन है। माना जा रहा है कि जेडीयू को पाले में बनाए रखने और बिहार की जनता को लुभाने के लिए राज्य पर फोकस रखते हुए कई घोषणाओं का ऐलान किया गया है। निर्मला सीतारमण ने अपनी साड़ी से लेकर ऐलानों तक से खास संदेश दिया कि बिहार मोदी सरकार की प्राथमिकता में है। निर्मला सीतारमण अपना 8वां बजट पेश करने के लिए खास मिथिला पेटिंग वाली साड़ी पहनकर पहुंचीं। इसके अलावा उन्होंने मखाना बोर्ड समेत कई ऐसी योजनाओं का ऐलान किया, जिन्हें बिहार में ही स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे बिहार की आर्थिक ग्रोथ में इजाफा होगा और सामाजिक विकास भी होगा।

निर्मला सीतारमण ने बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना का ऐलान किया। बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में मखाने की बड़े पैमाने पर खेती की जाती है। वित्त मंत्री ने कहा कि मखाने के उत्पादन को बढ़ाने, गुणवत्ता में सुधार करने और किसानों की आय में इजाफा करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा उन्होंने पटना आईआईटी के विस्तार का ऐलान किया और एक एआईटी की स्थापना करने की भी घोषणा की। इसके अलावा बिहार के ही सीमांचल क्षेत्र के लिए कोसी कनाल का ऐलान किया गया। वित्त मंत्री ने कहा कि इस नहर से 50 हजार हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होगी। मिथिलांचल में पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा।

फाइनेंस मिनिस्टर ने कहा कि बिहार में राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी उद्यमशिलता और प्रबंधन संस्थान स्थापित किया जाएगा। इससे पूर्वी क्षेत्र में खाद्य संस्करण कार्यकलापों को बढ़ावा मिलेगा। इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी और युवाओं को कौशल प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर मिलेंगे। यही नहीं बिहार में एक नया ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट स्थापित करने का भी बजट में ऐलान हुआ है। वित्त मंत्री ने मखाना बोर्ड का ऐलान करते हुए कहा, ‘बिहार में मखाना बोर्ड होगा। इससे बिहार के लोगों को विशेष अवसर मिलेंगे। मखाना के उत्पादन, मार्केटिंग, बिक्री को बढ़ावा दिया जाएगा। गुणवत्ता में भी सुधार किया जाएगा। मखाना के किसानों को जरूरी ट्रेनिंग दी जाएगी और वित्तीय सहायता भी मिलेगी।’

दरअसल बिहार में इसी साल अक्टूबर में चुनाव होने वाले हैं। दिल्ली के बाद बिहार ही ऐसा राज्य है, जहां इस साल चुनाव होंगे। ऐसे में भाजपा सरकार नहीं चाहती कि वह बिहार में किसी भी तरह का नुकसान उठाए। इसके अलावा लोकसभा चुनाव में 240 सीटें ही हासिल करने वाली भाजपा के लिए नीतीश कुमार भी जरूरी हैं, जिन्होंने 12 सीटें हासिल की थीं। वह भाजपा सरकार को समर्थन दे रहे हैं। इसके अलावा बिहार में भी दोनों दल साथ हैं। आमतौर पर बजट में चुनावी राज्यों पर फोकस करने की परंपरा रही है। इससे सरकार विकास के साथ ही चुनाव को भी साधने की कोशिशें करती रही हैं।

India Edge News Desk

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